पैरों के निशान – Moral Story in Hindi, Story for Kids, Short Story
यह एक केकड़ा और समुद्र की कहानी है. एक बार एक केकड़ा समुद्र के किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक रुक कर वह अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता । आगे बढ़ता और पैरों के निशान देखता. उससे बनी डिज़ाइन देखकर वह बहुत खुश होता…,
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अचानक समुद्र में एक लहर आयी और उसके पैरों के सब निशान मिट गये। इस पर केकड़े को बहुत गुस्सा आया. उसने समुद्र की लहर से बोला , “ए लहर मैं तो तुझे अपना दोस्त मानता था, पर ये तुमने क्या किया , तुमने मेरे बनाये सुंदर पैरों के निशानों को ही मिटा दिया. कैसी दोस्त हो तुम ?”
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इसपर लहर बोली, ” अपने पीछे उन मछुआरों को देखो. ये मछुआरे लोग निशान देख कर ही तो केकड़ों को पकड़ रहे हैं. सुनो दोस्त! तुमको वो लोग पकड़ न लें, बस इसीलिए मैंने तुम्हारे निशान मिटा दिए !
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सच भी यही है कि कई बार हम सामने वाले की बातों को समझ नहीं पाते और बिना कुछ सोचे उन्हें गलत समझ लेते हैं. जबकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसलिए मन में वैर लाने से बेहतर है कि हम सोच समझ कर निष्कर्ष निकालें. आपको यह कहानी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.
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