हीरों का सौदा Heeron ka Sauda – Hindi Story, Hindi Short Story, Moral Story
एक बार एक हीरे का व्यापारी था। एक दिन एक बड़ा सेठ उसकी दुकान पर आया और उससे कहा कि मुझे आपसे हीरों का सौदा करना है. लेकिन पहले मैं हीरों का सैम्पल देखना चाहता हूँ फिर मैं आपसे हीरों का सौदा करूँगा. व्यापारी तैयार हो गया और कहा कि मैं अभी घर से ले आता हूँ। उसका घर पास में ही था, वह घर में गया और वापस आया।
Also Read – सुखदा मणि – Sukhda Mani, Hindi Story, Short Moral Story
उसने सेठ से कहा- मैं माफी चाहता हूँ, मैं इस वक्त आपको सैम्पल नहीं दिखा सकता. क्योंकि सैम्पल जिस अलमारी में रखा है, उसकी चाबी मेरे पिताजी के सिरहाने के नीचे है. इस वक्त पिताजी गहरी नींद में हैं। कुछ समय से वे बीमार चल रहे हैं और ठीक से सो नहीं पाते. आज बहुत दिनों बाद उनको गहरी नींद आई हुई है, मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहता।
Also Read – लोक कथा – दस दिन | Lok Katha, Hindi Story, Hindi Moral Story, Short Story
सेठ ने व्यापारी से कहा कि भाई देख लो, सौदा तुम्हारे फायदे का है। बिना सैम्पल देखे हम सौदा नहीं कर सकते। व्यापारी ने कहा, मेरी भी मजबूरी है, मैं आपको सैम्पल नहीं दिखा सकता। व्यापारी ने फिर कहा कि यह सौदा नहीं हुआ तो आपको लाखों का नुकसान हो जाएगा। इसपर व्यापारी ने जवाब दिया, भले हो जाए नुकसान लेकिन मैं अपने पिताजी की नींद खराब नहीं कर सकता।
Also Read – भेड़िया और बाँसुरी – Moral Story in Hindi, Short Story, Hindi Story
सेठ चला गया, लेकिन कुछ देर बाद फिर वापस आया और कहा कि मुझे आपसे ही हीरों का सौदा करना है. मुझे सैम्पल भी नहीं देखना है और सौदा पक्का। व्यापारी को थोड़ा आश्चर्य हुआ। इसपर सेठ ने कहा कि मैंने आपकी बात पर विचार किया और मुझे महसूस हुआ कि जो व्यक्ति अपने पिता का इतना आदर करता है, इतना ध्यान रखता है कि उनकी नींद के लिए अपना लाखों का फायदा छोड़ सकता है, वह मेरे साथ कभी धोखाधड़ी नहीं करेगा। मुझे आप पर पूरा विश्वास है इसलिए मुझे सैम्पल देखने की आवश्यकता नहीं, मैं आपसे ही हीरों का सौदा करता हूँ।
Pingback: मूर्ख कछुआ की कहानी - Hindi Story, Moral Story in Hindi, Short Story